बिलासपुर

मास्कधारी बंदूकधारियों ने कांग्रेस नेता के कार्यालय पर फायरिंग

बिलासपुर

 28 अक्टूबर 2025 की सांझ-नृत्य घटना में बिलासपुर-मस्तूरी थाना क्षेत्र के मस्तुरी टाउन में स्थानीय कांग्रेस जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के निजी कार्यालय के बाहर तीन अज्ञात मसकधारी बदमाशों ने अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग की। घटना लगभग शाम 6 बजे के आस-पास हुई।

घटनाक्रम

तीनों हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और कार्यालय के बाहर अचानक 10–12 राउंड फायर किए।

उस समय कार्यालय में नेता नितेश सिंह मौजूद थे; वे गोलीबारी में सुरक्षित रहे।

फायरिंग में नितेश के चाचा (चन्द्रकान्त सिंह ठाकुर) और भाई (राजू सिंह) को चोटें आईं — चाचा की टाँग में, भाई के बाएँ हाथ में घाव बताया जा रहा है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया; उनकी स्थिति अस्पताल के शुरुआती बयानों के मुताबिक स्थिर बताई जा रही है।

पुलिस कार्रवाई और जांच

घटनास्थल पर तुरंत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी और घटना जांच टीम पहुँचे। मानहंट (massive manhunt) झाट से जारी कर दी गई है और आसपास के जिलों व पुलिस थानों को सतर्क कर दिया गया है।

प्रारम्भिक जाँच में पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज, मोबाइल-टावर लोकेशन और किसी भी संदिग्ध के मोबाइल/आवागमन का ऑडिट शुरू कर दिया है। फोरेंसिक और साइबर यूनिट्स को भी टीम में शामिल किया गया है।

पुलिस ने कहा है कि मोटिव स्पष्ट नहीं है — जांच के सभी कोण (राजनीतिक रंजिश, पुरानी दुश्मनी, व्यक्तिगत विवाद) पर काम किया जा रहा है।

स्थानीय प्रतिक्रियाएँ राजनीतिक संदर्भ

घटना के बाद इलाके में तनाव दिखा; कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने हमले की निन्दा करते हुए त्वरित गिरफ्तारी की माँग की है। (केंद्रीय/राज्य-स्तर के आधिकारिक बयान यदि आएंगे तो अपडेट जोड़ेंगे।)

पिछले कुछ महीनों में क्षेत्र में राजनीतिक मोर्चे पर तनाव और स्थानीय विवाद के कुछ मामले मीडिया में आये रहे हैं — इसलिए पुलिस हर सम्भव पहलू से motive की जाँच कर रही है। (नोट: इस पैराग्राफ का संदर्भ स्थानीय और हालिया मीडिया रिपोर्ताज़ पर आधारित है।)

मेडिकल स्थिति अस्पताल विवरण

घायल दोनों व्यक्तियों को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है; प्राथमिक इलाज के बाद उनकी हालत को नाज़ुक न बताया गया, बल्कि स्थिर कहा जा रहा है। चिकित्सकों ने आगे की जांच और आवश्यक उपचार जारी रखा है। (अस्पताल का विस्तृत मेडिकल ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है।)

क्या सोचा जा रहा है ?

पुलिस अभी भी किसी एक निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुँची है। सामान्यतः ऐसे मामलों में तीन संभावित धाराएँ जाँची जाती हैं:

1. राजनीतिक हिंसा (प्रतिद्वंद्वी गुटों से जुड़ा हमला),

2. पुरानी रंजिश/व्यक्तिगत दुश्मनी,

3. आपराधिक उद्देश्य / धमकी व आतंक-प्रेरित हमला।

अधिकारी संशय की किसी भी धार को नज़रअंदाज़ नहीं कर रहे — इसलिए फोरेंसिक, सीसीटीवी और कॉल-डाटा से त्वरित क्रॉस-चेक चल रहा है।

अगले कदम (पुलिस की ओर से साझा किया गया)

इलाके में अतिरिक्त पेट्रोलिंग और चेक-पोस्ट लगाए गए हैं।

CCTV फुटेज, पास के पेट्रोल पम्प व दुकान-कर्मियों के बयानों की रिकॉर्डिंग की जा रही है।

अटारीस्टों की पहचान के लिए मोबाइल-टावर-डेटा और बाइक की डीएनए/फाइबर जांच पर बल दिया जा रहा है।

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