मस्तूरी गोलीकांड: 24 घंटे में पुलिस ने पकड़े 7 आरोपी, सियासी वर्चस्व की जंग में चली गोलियाँ

बिलासपुर/मस्तूरी | 30 अक्टूबर 2025
बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र में हुए गोलीकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। घटना मंगलवार शाम करीब 6 बजे की बताई जा रही है, जब बाइक सवार दो नकाबपोश हमलावरों ने कांग्रेस नेता नीतेश सिंह ठाकुर और उनके परिवार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस वारदात में उनके मामा चंद्रकांत सिंह और भाई राजू सिंह घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों ने करीब 12 राउंड फायरिंग की, जिससे इलाके में भगदड़ मच गई। पूरी घटना पास के एक CCTV कैमरे में कैद हो गई, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच की दिशा तय की।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई – 24 घंटे में खुला राज
मस्तूरी थाना पुलिस और बिलासपुर साइबर टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मात्र 24 घंटे में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से
2 देशी पिस्टल,
1 कट्टा,
5 मैगज़ीन,
4 जिंदा कारतूस,
13 खाली खोखे,
10 बुलेट और
5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
एसपी संतोष सिंह ने बताया कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता (मास्टरमाइंड) निष्कासित कांग्रेस नेता विश्वजीत अनंत है, जिसने पुरानी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व के विवाद के चलते यह हमला करवाया था।


विवाद की जड़
सूत्रों के मुताबिक, हमले की जड़ में जमीन विवाद और स्थानीय राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई थी। नीतेश सिंह ठाकुर जनपद पंचायत मस्तूरी के उपाध्यक्ष हैं और स्थानीय स्तर पर उनका प्रभाव काफी बढ़ा हुआ है।
बताया जा रहा है कि आरोपी पक्ष इससे नाराज़ था और लंबे समय से आपसी तनाव चल रहा था।
जांच में मिले अहम सुराग
पुलिस ने बताया कि हमलावरों की गतिविधियों का मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और CCTV फुटेज से पता लगाया गया। हथियार सप्लाई चैन और फंडिंग को लेकर अब गहराई से पूछताछ जारी है।
साथ ही, कुछ आरोपियों के बैंक खातों और कॉल डिटेल्स भी खंगाले जा रहे हैं ताकि हमले की पूरी साजिश सामने आ सके।
स्थानीयों में दहशत, प्रशासन सतर्क
गोलीबारी की यह घटना न केवल मस्तूरी क्षेत्र बल्कि पूरे बिलासपुर जिले में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि ऐसे राजनीतिक रूप से प्रेरित हमलों पर कड़ी कार्रवाई हो और शहर में गश्त बढ़ाई जाए।
वहीं, पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि सभी आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी।
घायलों की स्थिति
दोनों घायल फिलहाल बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत अब स्थिर है। परिवार ने पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
मस्तूरी गोलीकांड ने एक बार फिर दिखा दिया कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर सियासी प्रतिस्पर्धा किस हद तक हिंसक रूप ले सकती है।
अब देखना यह है कि पुलिस जांच इस पूरे नेटवर्क को कितनी गहराई से उजागर कर पाती है और क्या इस गोलीकांड के पीछे के “बड़े चेहरों” तक कानून की पहुंच होती है या नहीं।


