छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

नगर पालिका की लापरवाही — गुमटी ठेला कबाड़ में तब्दील

जांजगीर-चांपा जिले के चांपा नगर पालिका की लापरवाही एक बार फिर चर्चा में है। कभी छोटे व्यापारियों को रोज़गार देने की मंशा से शुरू की गई योजना आज उपेक्षा और जर्जरता की कहानी कह रही है। नगर पालिका द्वारा तैयार किए गए गुमटी ठेले, जो स्वरोज़गार का प्रतीक बनने वाले थे, अब जंग खाकर कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं।

रोज़गार योजना अब उपेक्षा की मिसाल

बस स्टैंड परिसर में रखे ये ठेले अब धूल और जंग से ढक गए हैं। किसी भी प्रकार की मरम्मत या रखरखाव नहीं किया गया है। नतीजा यह कि ठेलों के लोहे के हिस्से टूट चुके हैं और कई ठेले पूरी तरह उपयोग के लायक नहीं बचे।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ये ठेले अगर सही पात्रों को समय पर दिए जाते, तो कई परिवारों को रोज़गार का स्थायी साधन मिल सकता था।

स्थानीय नागरिक का बयान- “हम लोगों ने कई बार आवेदन दिया कि हमें ठेला दिया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। ठेले ऐसे ही पड़े-पड़े खराब हो गए हैं।”

प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

नगर पालिका प्रशासन की उदासीनता पर अब सवाल उठने लगे हैं। गुमटी ठेला योजना का उद्देश्य था कि छोटे व्यापारियों को एक मंच मिले ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। लेकिन योजनाओं के रखरखाव और क्रियान्वयन में लापरवाही ने इस पहल को नाकाम कर दिया है।

अब सवाल यह है —क्या नगर पालिका इन ठेलों को सुधारने और पात्रों तक पहुँचाने के लिए कोई कदम उठाएगी?या फिर ये गुमटी ठेले प्रशासनिक लापरवाही की एक और मिसाल बनकर कबाड़ के ढेर में ही दफन हो जाएंगे?

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button