“नई दिल्ली चलो” आंदोलन — 26 नवंबर को जंतर मंतर पर देशभर के संगठनों का विशाल धरना प्रदर्शन

देश में सामाजिक न्याय, संविधान की सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के अधिकारों को लेकर राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत और मूलनिवासी मति मोर्चा ने 26 नवंबर को राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर, संसद मार्ग पर “विशाल धरना प्रदर्शन” आयोजित करने की घोषणा की है।
आयोजन में देशभर के करीब 100 सामाजिक और श्रमिक संगठन शामिल होंगे। यह आंदोलन 45 सूत्रीय मांगों के समर्थन में किया जाएगा, जिसमें संविधान संरक्षण से लेकर रोजगार, आरक्षण और आर्थिक नीतियों तक के मुद्दे शामिल हैं।
आंदोलन का उद्देश्य
आयोजकों का कहना है कि यह धरना संविधान दिवस (26 नवंबर) के अवसर पर सरकार को यह याद दिलाने के लिए रखा गया है कि “संविधान ही सर्वोपरि है” और उसमें निहित सामाजिक-आर्थिक अधिकारों का पालन हर हाल में किया जाना चाहिए।
मूलनिवासी मति मोर्चा के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह संघर्ष किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं बल्कि संविधान, रोजगार और समानता के पक्ष में एक राष्ट्रीय जनआंदोलन है।
प्रमुख 45 सूत्रीय मांगों में से कुछ मुख्य बिंदु
1. संविधान की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
2. बेरोजगारों को सरकारी नौकरी की गारंटी मिले।
3. EVM प्रणाली पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएँ।
4. OBC, SC, ST सहित सभी वर्गों की जातिगत जनगणना कर आरक्षण का उचित लाभ दिया जाए।
5. 100 करोड़ रुपये से अधिक के निजी उद्योगों व संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण किया जाए।
6. संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।
कार्यक्रम विवरण
तारीख: 26 नवंबर 2025 (बुधवार)
स्थान: जंतर मंतर, संसद मार्ग, नई दिल्ली
आयोजक: राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत एवं मूलनिवासी मति मोर्चा
सहयोगी संगठन: 100 से अधिक सामाजिक एवं श्रमिक संगठन
आयोजकों की अपील
मोर्चा से जुड़े नेताओं ने देशभर के युवाओं, किसानों, मजदूरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे इस आंदोलन में शांति और अनुशासन के साथ शामिल हों, ताकि देश के नीति-निर्माताओं तक “जनता की वास्तविक आवाज़” पहुँच सके।
प्रतीकात्मक महत्व
यह आंदोलन 26 नवंबर — संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित हो रहा है।
यह वही दिन है जब वर्ष 1949 में भारत का संविधान अंगीकृत किया गया था।
आयोजकों का कहना है कि यह धरना “संविधान की मर्यादा और समान अधिकारों की रक्षा” का प्रतीक होगा।
समापन पंक्ति
“हम संविधान के अनुच्छेदों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं — ताकि आने वाली पीढ़ियाँ समानता, न्याय और अधिकारों के साथ जी सकें।”
— आयोजक, मूलनिवासी मति मोर्चा



