कोरबा

NH 149B पर सिर्फ टोल वसूली में दिलचस्पी, मड़वारानी सर्विस रोड में गड्ढे हादसों को दे रहे न्योता — प्रशासन मूकदर्शक

राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149B (कोरबा-चांपा मार्ग) की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। एनएचएआई और ठेकेदार की लापरवाही ने इस मार्ग को जनता के लिए खतरा बना दिया है। खासतौर पर मड़वारानी मंदिर के पास की सर्विस रोड पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बरसात के दौरान यह सड़क उखड़ गई थी और अब सूखा मौसम आने के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं की गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्विस रोड में जगह-जगह गड्ढे, कीचड़ और जलभराव के कारण दोपहिया वाहन फिसल रहे हैं, जिससे आए दिन लोग घायल हो रहे हैं। श्रद्धालु, जो मड़वारानी मंदिर दर्शन के लिए आते हैं, उन्हें भी इस खराब सड़क से गुजरना पड़ता है। लोगों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, यहां तक कि एनएचएआई के इंजीनियरों और ठेकेदारों ने मौके का निरीक्षण कर जल्द सुधार का आश्वासन भी दिया, लेकिन हकीकत में कोई सुधार नहीं हुआ।

इसी मार्ग के बरपाली और पताढ़ी अंडरब्रिज क्षेत्र में अवैध कब्जा कर अस्थायी टैक्सी स्टैंड और बाजार जैसी स्थिति बना दी गई है। दुकानदारों ने फुटपाथ और सड़क के किनारे तक कब्जा कर लिया है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। स्थानीय प्रशासन का अमला रोजाना इस अव्यवस्था को देखता है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

जनता का सवाल वाजिब है — जब सड़कें सुविधा देने में नाकाम हैं, तो टोल वसूली का औचित्य क्या है?

एनएचएआई और ठेकेदारों की जिम्मेदारी सड़क को सुगम और सुरक्षित रखना है, परंतु यहां टोल वसूली में दिलचस्पी ज्यादा और रखरखाव में रुचि कम दिखाई देती है।इस पूरी लापरवाही का नतीजा यह है किदैनिक आवागमन करने वाले यात्री परेशानी झेल रहे हैं,स्कूल जाने वाले बच्चे कीचड़ और फिसलन से जूझ रहे हैं,आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और अन्य वाहन धीमी रफ्तार से चलने को मजबूर हैं।स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मरम्मत कार्य नहीं शुरू हुआ तो वे एनएचएआई और जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।कुल मिलाकर, NH 149B पर यह हालात प्रशासनिक सुस्ती और जवाबदेही की कमी को उजागर करते हैं।सड़कें टूटती जा रही हैं, लेकिन जिम्मेदार सिर्फ टोल वसूली के आंकड़े सुधारने में व्यस्त हैं।क्या प्रशासन अब भी जागेगा या फिर जनता यूं ही गड्ढों में भविष्य तलाशती रहेगी — यह बड़ा सवाल है।

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