जांजगीर-चांपा

पीएम किसान सम्मान निधि में केवाईसी के नाम पर वसूली — कंप्यूटर ऑपरेटर का वीडियो वायरल, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

जांजगीर-चांपा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों से केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर रिश्वत वसूली का मामला सामने आया है। जिले के बम्हनीडीह ब्लॉक के कृषि विभाग कार्यालय में पदस्थ एक कंप्यूटर ऑपरेटर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक किसान से चार हजार रुपये रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहा है।जानकारी के अनुसार, किसान पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त के लिए केवाईसी कराने कृषि विभाग के दफ्तर पहुंचा था। वहां मौजूद कंप्यूटर ऑपरेटर ने उससे पूरी प्रक्रिया के लिए सात हजार रुपये की मांग की।

वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि किसान चार हजार रुपये नकद देता है, जबकि ऑपरेटर आगे तीन हजार रुपये और देने की बात कहता है, यह कहते हुए कि “अधिकारियों को भी देना पड़ता है।”वीडियो सामने आने के बाद पूरे इलाके में कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी ऐसे कई किसान दफ्तर में केवाईसी या अन्य सरकारी योजनाओं के नाम पर अनुचित वसूली का सामना कर चुके हैं, लेकिन शिकायत करने पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एसडीएम चांपा को जांच कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा – “यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध कठोर और उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

कलेक्टर के निर्देश के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में है। एसडीएम स्तर पर जांच टीम गठित की जा रही है, जो वायरल वीडियो की सत्यता और संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करेगी।इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किसानों के हित में बनी सरकारी योजनाएं जमीन पर किस हद तक पारदर्शी हैं।पीएम किसान सम्मान निधि जैसी जनहितकारी योजना में भी अगर भ्रष्टाचार और दलाली का तंत्र सक्रिय है, तो किसानों तक इसका लाभ पूरी तरह पहुंच पाना मुश्किल है।फिलहाल मामला जांच के अधीन है। कलेक्टर की सख्त चेतावनी के बाद जिले के कृषि विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं किसान संगठन पारदर्शी जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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