डिजिटल गवर्नेंस में कदम — IIIT नया रायपुर में ‘प्रोसेस माइ’ विषय पर नया M.Tech कोर्स शुरू

रायपुर/नया रायपुर
छत्तीसगढ़ में डिजिटल प्रशासन को नई दिशा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। IIIT नया रायपुर ने छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (CHiPS) के साथ मिलकर “प्रोसेस माइ” (Process Mining) विषय पर एक विशेषीकृत M.Tech कोर्स शुरू किया है। यह कोर्स मुख्यमंत्री आईटी फ़ेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में डेटा-आधारित गवर्नेंस (Data-Driven Governance) को सशक्त बनाना है।
इस पहल का मकसद सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाना है, ताकि प्रशासनिक निर्णयों में डेटा और तकनीक की भूमिका और मजबूत हो।
IIIT नया रायपुर का कहना है कि यह कोर्स देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो सीधे शासन प्रणाली के सुधार से जुड़ा हुआ है।
क्या है प्रोसेस माइ (Process Mining)?
प्रोसेस माइ닝 एक ऐसी तकनीक है, जिसमें सरकारी विभागों या संस्थाओं के विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं के डिजिटल डेटा का विश्लेषण किया जाता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि किस विभाग में कौन-सी प्रक्रिया में देरी या गड़बड़ी हो रही है, और उसे कैसे सुधारा जा सकता है।
सरल शब्दों में — प्रोसेस माइ닝 सरकार के कामकाज को डेटा के ज़रिए “एक्स-रे” की तरह देखने का तरीका है।
राज्य के लिए क्यों है अहम?
छत्तीसगढ़ सरकार पिछले कुछ वर्षों से “स्मार्ट गवर्नेंस” और “डिजिटल इंडिया” के विज़न के तहत विभिन्न योजनाओं में डेटा-टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रही है।
इस कोर्स से प्रशिक्षित फ़ेलोज़ राज्य के विभिन्न विभागों — जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत, राजस्व, पुलिस प्रशासन आदि — में डेटा विश्लेषण और सुधार की भूमिका निभाएँगे। इससे नीति निर्माण और निर्णय प्रक्रिया में तकनीकी सटीकता आएगी।
CHiPS के अधिकारियों के मुताबिक, “यह पहल राज्य प्रशासन को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी। इससे शासन की पारदर्शिता और जनता तक सेवा पहुँचाने की दक्षता में सुधार होगा।”
भविष्य की दिशा
राज्य सरकार की योजना है कि अगले चरण में इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न जिलों में डेटा एनालिटिक्स प्रयोगशालाएँ (Data Labs) स्थापित की जाएँगी।
हर जिले से चयनित अधिकारी और आईटी फ़ेलो डेटा प्रोसेस सुधार के प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
इस पहल से “एविडेंस-बेस्ड गवर्नेंस” यानी प्रमाण आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
IIIT नया रायपुर और CHiPS की यह संयुक्त पहल छत्तीसगढ़ को डिजिटल गवर्नेंस के नए युग में प्रवेश कराने वाला कदम है। यह न केवल राज्य की प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा बल्कि युवाओं को तकनीकी नवाचार और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के संगम पर काम करने का अवसर भी देगा।



