भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत रुख — रिपोर्ट में 7.2% जीडीपी वृद्धि का अनुमान

नई दिल्ली
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती के संकेत दे रही है। वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की GDP वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह दर पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक स्थिर और सतत वृद्धि को दर्शाती है।
आर्थिक रिपोर्ट
बीते वित्त वर्ष (2024-25) में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.4% दर्ज की गई।आने वाले वित्तीय वर्ष (2025-26) के लिए वृद्धि का अनुमान 7.2% तक लगाया गया है।सेवा क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र रहा, जिसमें 7.2% की वृद्धि दर्ज की गई।उद्योग क्षेत्र ने 6.2% और कृषि क्षेत्र ने 3.8% की वृद्धि दिखाई।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी अपनी विकास गति बनाए रखी है।
वृद्धि के प्रमुख कारण
1. घरेलू मांग में तेजी — शहरी और ग्रामीण उपभोग दोनों में सुधार हुआ है।
2. निवेश में वृद्धि — सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में बढ़ोतरी से उत्पादन क्षमता बढ़ी।
3. निर्यात का विविधीकरण — भारत अब सेवा और तकनीकी निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
4. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण — थोक और खुदरा महंगाई दोनों में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली।
5. राजकोषीय अनुशासन — सरकार ने घाटे को नियंत्रित रखते हुए विकास खर्च पर ध्यान केंद्रित किया।
चुनौतियाँ अब भी मौजूद
कृषि उत्पादन मानसून पर निर्भर है, जिससे ग्रामीण आय पर असर पड़ सकता है।वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें और व्यापारिक तनाव भारत के लिए जोखिम बने हुए हैं।निर्यात पर निर्भर उद्योगों को वैश्विक मांग की सुस्ती का असर झेलना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार भारत इस समय “स्थिर विकास” के चरण में है। सेवा और डिजिटल सेक्टर इसकी रीढ़ बन चुके हैं। अगर निवेश, रोजगार और निर्यात पर ध्यान केंद्रित रहा, तो अगले दो वर्षों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में निर्णायक कदम रख सकता है।
नीति आयोग का बयान
नीति आयोग ने कहा — “भारत की विकास यात्रा अब आंतरिक मांग, तकनीकी नवाचार और मजबूत शासन व्यवस्था पर आधारित है। वैश्विक मंदी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है।”



