आउटसोर्सिंग भर्ती के खिलाफ सहकारिता कर्मचारियों का जोरदार विरोध – चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन

धान खरीदी कार्य में आउटसोर्सिंग भर्ती के खिलाफ सहकारिता कर्मचारियों ने आज जिलेभर से एकजुट होकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रबंधक, सेल्समैन, ऑपरेटर और प्यून सहित सभी कर्मचारी धरना स्थल पर जुटकर सरकार की नीति के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी की।सहकारिता कर्मचारी संगठन के अनुसार, धान खरीदी जैसे संवेदनशील कार्य को अगर आउटसोर्सिंग प्रणाली के माध्यम से किया गया, तो इससे न सिर्फ कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे, बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।रवि राठौर, धान खरीदी प्रभारी संगठन अध्यक्ष ने कहा:“धान खरीदी जैसे जिम्मेदार कार्य में आउटसोर्सिंग व्यवस्था लागू करना किसानों और कर्मचारियों दोनों के लिए खतरा है। हम चाहते हैं कि यह कार्य केवल नियमित कर्मचारियों के माध्यम से ही कराया जाए।”


धरना स्थल पर कर्मचारियों ने सरकार से चार प्रमुख मांगों पर तुरंत निर्णय लेने की अपील की:
1. धान खरीदी कार्य नियमित कर्मचारियों के माध्यम से कराया जाए।
2. लंबित वेतनमान का निपटान हो।
3. कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जाए।
4. सेवा स्थायित्व सुनिश्चित किया जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष, सहकारिता कर्मचारी संगठन ने चेतावनी दी:
“अगर सरकार ने हमारी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो 28 अक्टूबर को संभाग स्तर पर धरना और 3 नवंबर से उग्र आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।”
अजय दिव्य, कंप्यूटर ऑपरेटर संघ अध्यक्ष ने कहा:
“हम लंबे समय से सेवा स्थायित्व, पदोन्नति और वेतनमान जैसी मांगें उठा रहे हैं। सरकार अब और टालमटोल न करे, वरना आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”धरना समाप्ति के बाद कर्मचारियों ने अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। संगठन ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन का दायरा और बढ़ाया जाएगा।धान खरीदी में आउटसोर्सिंग भर्ती के खिलाफ सहकारिता कर्मचारियों का विरोध लगातार तेज़ हो रहा है और अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस चेतावनी के बाद किस प्रकार की कार्रवाई करती है।




