छत्तीसगढ़
दूसरों के घर का अंधेरा मिटाने गया मजदूर, खुद अंधेरे में समा गया

राजश्री वस्त्रालय में करेंट हादसे ने खोली सुरक्षा की पोल —टेंट संचालक, दुकान मालिक और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की तैयारी
दीपावली की जगमगाहट के बीच चांपा नगर के सदर बाजार में हुआ करेंट हादसा अब लापरवाही और साजिश की गहरी परतें खोल रहा है।राजश्री वस्त्रालय में झालर लाइट लगाने के दौरान बिजली की चपेट में आने से मजदूर दुर्गेश महंत (निवासी केराझरिया) की मौके पर ही मौत हो गई।लेकिन हादसे के बाद जो हुआ, उसने पूरे शहर को झकझोर दिया — जिम्मेदारों ने घटना को दबाने की कोशिश की।
सीधा सच जांच में खुलासा
“छत्तीसगढ़ न्यूज़रूम 24” की पड़ताल में सामने आए तथ्य:
बिना सुरक्षा उपकरण कराया गया बिजली कार्यजे. जी. एम. अस्पताल ने इलाज से इंकार किया, लेकिन पट्टी ने खोला झूठशव को बिना पोस्टमार्टम दफनाने की कोशिशपुलिस हस्तक्षेप से खुला पूरा मामला


हादसे की हकीकत
अस्पताल की भूमिका पर सवाल
“सीधा सच” की पड़ताल में झूठ बेनकाबहादसे के बाद घायल को जे. जी. एम. अस्पताल ले जाया गया।लेकिन जब मीडिया ने अस्पताल से सवाल पूछा, तो प्रबंधन ने कहा — “यहाँ इलाज नहीं हुआ।”मृतक के हाथ की पट्टी ने अस्पताल का झूठ उजागर कर दिया।स्पष्ट है — घटना को दबाने की कोशिश हुई।यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 119 और 120(2) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
अब कानून करेगा हिसाब
पुलिस जांच में कई धाराएँ लागू करने की प्रक्रिया —धारा 106: लापरवाही से मृत्युधारा 119: अपराध की सूचना छिपानाधारा 120(2): अपराध की जानकारी छिपानाधारा 61: आपराधिक साजिशधारा 3(5): समान उद्देश्य से अपराधसाथ ही BOCW Act 1996 और Electricity Act 2003 के तहत नियमों का उल्लंघन भी पाया गया है।
जिम्मेदार कौन?
जिम्मेदार पक्ष अपराध / लापरवाहीटेंट हाउस संचालक मजदूर को बिना सुरक्षा भेजना — BNS 106राजश्री वस्त्रालय मालिक असुरक्षित बिजली लाइन — Electricity Act 135जे. जी. एम. अस्पताल प्रबंधन सूचना छिपाना — BNS 119, 120(2)
थाना प्रभारी का बयान
जयप्रकाश गुप्ता (थाना प्रभारी, चांपा):“मामले की हर दिशा में जांच जारी है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्रवाई होगी।”
मजदूर परिवार से दोहरी अन्याय
कानून के अनुसार करेंट से मौत होने पर मृतक के परिजनों को ₹4 लाख की सरकारी सहायता राशि मिलनी चाहिए।लेकिन सूचना दबाकर और शव को जल्दी दफनाने की कोशिश कर, जिम्मेदारों ने परिवार को मुआवजे से वंचित करने की साजिश की।स्थानीय समाजसेवियों ने इसे “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया।
“राजश्री वस्त्रालय की रोशनी में बुझी एक जिंदगी — और अंधेरे में छिपा सच, जिसे उजागर किया छत्तीसगढ़ न्यूज़रूम 24 ने।”
यह सिर्फ एक हादसा नहीं — व्यवस्था की बेरुखी और लालच की करंट मार है।क्योंकि, छत्तीसगढ़ न्यूज़रूम 24 — अब सीधा सच, जहाँ हर खबर की गूंज न्याय तक पहुँचती है।




