जांजगीर-चांपा

पौनी पसरी बनी प्रशासन की लापरवाही की पहचान — सवालों के घेरे में नगरपालिका

रिपोर्ट — दीपक यादव के साथ जय ठाकुर, जांजगीर-चांपा | 25 अक्टूबर 2025

लाखों की लागत से बना पौनी पसरी परिसर बना खंडहर — शराबियों का अड्डाजांजगीर-चांपा जिले के चांपा नगरपालिका क्षेत्र से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है।जिस पौनी पसरी परिसर को लाखों रुपये की लागत से स्थानीय व्यापार और नागरिक सुविधाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया गया था,वह आज खंडहर में तब्दील होकर शराबियों का अड्डा बन चुका है।चौंकाने वाली बात यह है कि यह जर्जर परिसर नगरपालिका कार्यालय के ठीक बगल में स्थित है,फिर भी अधिकारियों की नज़र अब तक इस पर नहीं गई।जिस उम्मीद से बना, वही उम्मीद अब टूटीनगरपालिका प्रशासन ने कुछ साल पहले इस परियोजना को इस उद्देश्य से शुरू किया था किस्थानीय लोगों को रोजमर्रा की ज़रूरतें एक ही जगह उपलब्ध हों,और स्थानीय छोटे व्यापारियों को दुकानें और रोजगार के अवसर मिलें।लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है —अब यह भवन उपेक्षा, भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बन गया है।दीवारों पर दरारें, टूटी खिड़कियाँ, गंदगी के ढेर और शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा —यही इस परिसर की नई पहचान बन चुकी है।

स्थानीय नागरिकों का आक्रोश

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जनता के टैक्स के पैसों से बनी इमारत अब पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।“हमारे टैक्स के पैसे से इतनी बड़ी बिल्डिंग बनी,लेकिन किसी ने इसे संभालने की कोशिश नहीं की।अब तो ये शराबियों का अड्डा बन गई है।” — स्थानीय निवासी, चांपाकई नागरिकों ने यह भी बताया कि अगर समय रहते नगरपालिका ने रखरखाव किया होता,तो आज यहां कई दुकानें चालू होतीं, और यह क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता था।

नगरपालिका की चुप्पी पर उठे सवाल

सबसे हैरानी की बात यह है कि यह खंडहरनुमा इमारत नगरपालिका भवन के ठीक पास है,लेकिन फिर भी किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि की नजर नहीं पड़ती।लोगों का सवाल है कि —“नगरपालिका अध्यक्ष जो भाजपा से हैं,उन्होंने अब तक इस उपेक्षित भवन की सुध क्यों नहीं ली?क्या यह परिसर हमेशा के लिए बर्बाद ही रहेगा?”

लापरवाही का प्रतीक बना पौनी पसरी

परिसरलाखों रुपए खर्च कर बनाया गया परिसर अब बेतरतीबी और बेकार पड़े ढांचे में बदल चुका है।यह मामला स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी और जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है।प्रशासन की ओर से अब तक कोई मरम्मत, सफाई या पुनर्विकास योजना नहीं बनाई गई है।

अब सवाल यह है

क्या नगरपालिका प्रशासन इस भवन को फिर से जीवंत करने की दिशा में कदम उठाएगा,या यह जगह आने वाले समय में भीउपेक्षा, गंदगी और अव्यवस्था की मिसाल बनकर रह जाएगी?

निष्कर्ष

चांपा का पौनी पसरी परिसर सिर्फ़ एक भवन की कहानी नहीं,बल्कि यह बताता है कि विकास कार्यों में रखरखाव और जिम्मेदारी कितनी ज़रूरी है।अगर अब भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया,तो यह खंडहर आने वाले वक्त में शहर की बदनामी और प्रशासन की नाकामी का प्रतीक बन जाएगा।

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