बे-मौसम बारिश और कीड़ों का प्रकोप — मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में किसानों पर संकट के बादल

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र के किसानों पर इस बार प्रकृति की दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर धान की फसल पककर तैयार है, तो दूसरी ओर बे-मौसम बारिश और कीड़ों के प्रकोप ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में कटा हुआ धान बारिश से भीगकर खराब हो रहा है, वहीं कई इलाकों में खड़ी फसल पर कीट हमला बढ़ता जा रहा है।
खेतों में जलभराव, फसल में सड़न
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही रुक-रुककर बारिश ने खेतों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। किसानों का कहना है कि धूप न निकलने से फसल सूख नहीं पा रही, जिससे धान में सड़न और दाने के काले पड़ने की समस्या तेजी से बढ़ रही है।मौसम का यह बदला मिजाज अब फसल को पूरी तरह बर्बाद करने की कगार पर ला चुका है।


धान खरीदी से पहले बढ़ी किसानों की चिंता
राज्य में 15 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ होने जा रही है, लेकिन मौसम की मार ने किसानों की तैयारी पर पानी फेर दिया है।खेतों में पड़ा भीगा हुआ या खराब धान अब मंडी तक पहुँचाना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया है।कई किसानों ने आशंका जताई है कि अगर यही हाल रहा तो वे खरीदी केंद्रों तक उपज ले जाने की स्थिति में नहीं रहेंगे।
किसानों की जुबानी
स्थानीय किसान रामप्रसाद नेताम ने बताया —
“फसल तो समय पर कट गई थी, पर बारिश ने सब बिगाड़ दिया। कटे हुए धान के ढेर खेत में भीगकर सड़ रहे हैं। अब कीड़े भी लग गए हैं। अगर मौसम साफ नहीं हुआ तो पूरा नुकसान हो जाएगा।”
वहीं किसान भगतराम सिंह ने कहा —
“धान खरीदी की तारीख नजदीक है, लेकिन धान सुखाने का मौका नहीं मिल रहा। मंडी तक खराब धान ले जाएंगे तो गुणवत्ता जांच में दिक्कत आएगी।”
कृषि विभाग की सलाह
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि जैसे ही मौसम साफ हो, खेत में पड़ी फसल को तुरंत धूप में सुखाएं और कीट नियंत्रण के लिए आवश्यक दवाओं का छिड़काव करें।
विभागीय स्तर पर कीट प्रकोप प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे भी शुरू किया गया है।